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BIHAR

बिहार के लाल ने एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड जीत कर बढ़ाया देश और राज्य का मान।

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एक अच्छी खबर बिहार के लाल गुफरान ने बेहतर परफॉर्मेस कर देश का स्वाभिमान बढ़ाया है। दसवीं बोर्ड एग्जाम की प्रिपरेशन करने वाले बिहार के सुदूर ग्रामीण जगह से चमक उठा, जहां हायर एजुकेशन के हेतु बुनियादी संरचनाओं का क्षीणता है। खेलकूद को अब भी निस्तार की नजर से देखा जाता है, उस जगह का 18 साल के गुफरान लोगों को उस हद तक प्रभावित किया है कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे है। इतनी ही कम आयु में गुफरान ने एथलेटिक्स अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल विजय हो कर बिहार हीं नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया है।

गुफरान ने बातचीत के जरिए से बताया कि उससे पहले नई दिल्ली में नियोजित एथलेटिक्स नेशनल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 400 मीटर की मैराथन में गोल्ड मेडल जुलाई 2022 में जीत चुके है। इसके उपरांत वह अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा की प्रिपरेशन करने लगा। उसकी कठिन परिश्रम और कड़ी मेहनत भी रंग लाई। बीते 19 अगस्त को एथलेटिक्स अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता का नियोजन नेपाल के पोखरा नगर में नियोजित हुआ। उन्होंने 400 मीटर की मैराथन में गोल्ड मेडल हासिल कर रिकॉर्ड स्थापित करते हुए उक्त पंक्ति को सार्थक किया है ‘जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का’ । गुफरान का यह मानना है कि खेल के जरिए से परिवार, माता-पिता एवं देश का नाम रोशन करना चाहता है।

बिहार के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के खोरागाछ वार्ड नंबर 12 मोमिन टोला गांव जहां अब भी लोग बेसिक व्यवस्थाओं की बाट जोह रहे है। गुफरान का जन्मस्थली है। गुफरान के घर में टोटल 10 मेंबर हैं। उनके पिता सिराज अंसारी घर पर ही छोटा-मोटा दुकान करते हैं। माता सबरुन खातुन एक गृहिणी है। 8 भाईयों में गुफरान 4थे नंबर हैं। परिवार फैमिली आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। बड़े भाई मुख्तार अंसारी द्वारा कहा गया कि छोटे भाई गुफरान छोटी-बड़ी प्रतिक बातें हमलोग एक दूसरे को बताते है। काफी प्यारा है मेरा भाई। हमेशा देश का नाम रोशन करने की बातें किया करता है।

उनके गांव के एक टीचर अनवर आलम द्वारा बताया गया कि बचपन से ही गुफरान बेहद चेष्टावान रहा है। स्कूल सबसे पहले आना उसके रूटीन वर्क का भाग था । शिक्षा के सहित खेलकूद में आरंभ से हीं इसकी दिलचस्पी रही है। बहुत हीं अच्छा लगा कि गोल्ड मेडल जीतकर उसने पूरे सोसाइटी को गौरव एवं प्रतिष्ठा दिलाने का कार्य करवागा गया है।

गुफरान द्वारा बताया गया कि उसकी आरंभिक एजुकेशन मिडिल स्कूल मोमिन टोला खोरागाछ से आरंभ हुई। वर्तमान वक्त में वे 10वीं बोर्ड की प्रिपरेशन हायर स्कूल बरदाहा से कर रहे हैं। जब वे अष्टम क्लास में थे, उसी वक्त से उन्हें आर्मी में जाने की रुचि हुई। उसके हेतु वे निरंतर प्रिपरेशन भी करते रहे। परंतु 10वीं में एक दिन जब वे अररिया आएं तो उन्हें पता चला कि एथलेटिक्स राष्ट्रिय प्रतियोगिता के हेतु अप्लाई लिए जा रहे हैं। उन्होंने फॉर्म फिल करके मैराथन की प्रिपरेशनकर दिल्ली पहुंच गए। किस्मत तथा परिश्रम के बल पर 400 मीटर मैराथन में स्वर्ण पदक जीता।

अपना अनुभूति साझा करते हुए बताया हैं कि वे बहुत हीं खुशनसीब है कि हिंदुस्तान की पावन धरती पर उनका जन्म हुआ। उन्हे उस वक्त बेहद हीं गौरव का अनुभूति हुआ, जब वे अंतरास्त्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने नेपाल के पोखरा नगर पहुंचे। तो वहां के देखनेवाला दर्शकों द्वारा कहा गया कि इंडिया से आया है। उन्हे यकीन नही हो पा रहा है कि मैं देश के हेतु दौड़ में मेडल हासिल किया है। आगे भी वे देश के हेतु ही खेलना चाहते है एवं बेहतर उपलब्धि प्राप्त करना चाहते है।