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बिहार के दरभंगा जिले की सिमरन भारतीय कृषि अनुसंधान प्रवेश परीक्षा में देशभर में किया टॉप।

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इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च UG एंट्रेंस एग्जाम का परिणाम जारी करवा दिया गया है। NTA के द्वारा ली गई इस एग्जाम में 61051 बच्चे सफल हुए हैं। हालाकि इस एग्जाम में बिहार की बेटी ने परचम लहराया है। बिहार के दरभंगा जिले की बेटी सिमरन शेखर को अपने पहले ही कोशिश में देशभर में फर्स्ट रैंक हासिल करने में कामयाबी प्राप्त की है।

परिणाम प्रकाशित होने के उपरांत सिमरन तथा उनके परिवार को शुभकामनाएं देने का सिलसिला निरंतर जारी है। जिले के तारडीह ब्लॉक एरिया तहत पोखर भिंडा की निवासी सिमरन पढ़ाई-लिखाई में आरंभ से तेज थी। उसकी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा जीसस एंड मैरी एकेडमी दरभंगा से की है तथा उच्चतर माध्यमिक की पढ़ाई पटना से पूर्ण हुई।

सिमरन की फैमिली बैकग्राउंड राजनीतिक रहा है। उनके पिता दिनकर प्रसाद उर्फ पिंटू सिंह तारडीह ब्लॉक के जदयू के पूर्व सभापति रह चुके हैं तथा मां मीना कुमारी पूर्व जिला काउंसिल मेंबर रह चुकी हैं। सिमरन के माता-पिता द्वारा न्यूज18 लोकल को कहा गया कि वह बचपन से पढ़ाई-लिखाई बेहतर थी। उसने कोरोना माहामारी में भी पढ़ाई नहीं रोकी। ऑन लाइन पढ़ाई करती रही। सिमरन कभी भी अपनी शिक्षा को लेकर समझोता करने को रेडी नहीं थी। उन्होंने हमेशा पढ़ाई को अपनी प्रायोरिटी दी। उसी का परीणाम है कि आज वो इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च की एंट्रेंस एग्जाम में टॉप की है। वहीं, फैमिली में भी पढ़ाई का माहौल है। घर में स्टार्टिंग से पढ़ाई-लिखाई के हेतु मोटिवेट करवाया जाता है।

इंसान ठान ले तो कुछ भी कठिन नहीं’
सिमरन शेखर ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता साथ ही परिवार के अन्य मेंबर तथा गुरुजनों को दिया है। उसने बताया कि फैमिली तथा टीचर ने शिक्षा में बेहद सहायता की है। उनके सहायता के बिना यह मुकाम प्राप्त कर पाना आसान नहीं था। वहीं, सिमरन ने कामयाबी के फॉर्मूला के बारे में कहा गया कि अगर इंसान ठान ले तो कुछ भी कठिन नहीं है।

आदमी की कामनाशक्ति के सामने कोई भी मुश्किले टिक नहीं सकती है। चुनौती सभी जगह में है, परंतु आगे बढ़ने के हेतु चलंजेज का सामना करना ही पड़ता है।