BIHAR
बिहार के कॉलेजों में स्टूडेंट्स को निशुल्क मिलेगी ई-लाइब्रेरी की सुविधा, छात्र अच्छे से कर सकेंगे अध्ययन।
एक अच्छी पहल बिहार में सभी यूनिवर्सिटी से अनुरक्त लगभग 280 से ज्यादा कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था प्रदान की जायेगी। उसकी हेतु सारे विश्वविध्यालय की लाइब्रेरी को ऑनलाइन कनेक्ट किया जा रहा है। खास बात यह होगी कि वर्ल्ड के तमाम बड़े यूनिवर्सिटीज की खास व दुर्लभ E-बुक्स को भी उसे जोड़ा जायेगा। उससे अनुसंधान स्कॉलर को बेहद लाभ मिलेगा। खास बात है की यह व्यवस्था स्टूडेंट्स को बिना किसी फीस दिए ही प्राप्त होगी। इस प्रकार से बिहार के हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूशन के 23 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स उस व्यवस्था का फायदा लाभ उठा पाएंगे।
ई-लाइब्रेरी को एन लिस्ट (नेशनल लाइब्रेी एंड इंफॉर्मेशन सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर स्कॉलरी कंटेंट ) सेवा का नाम से प्रदान किया गया ह। विश्वविध्यालय सिर्फ 5 हजार रुपये वर्ष में रिलेटेड वेबसाइट काे सब्सक्राइब करेगा। अभी उस उपलक्ष्य में राज्य के एजुकेशन सेक्ट्रेटरी असंगबा चुबा आओ द्वारा राज्य के सभी कोलेज को आवाश्यक दिशा-निर्देश सोमवार को जारी किया गया। एन लिस्ट की यह व्यवस्था सारे ट्रेडिशनल कॉलेजों के अतिरिक्त एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फॉर्मेसी एवं नर्सिंग कॉलेज तक को मिल सकेगा।
बिहार हायर एजुकेशन कॉन्सिल के एजुकेशनल एडवाइजर डॉ एनके अग्रवाल के अनुसार उस प्रकार से ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था मिल जाने से सबसे बड़ा लाभ अनुसंधान स्कॉलर्स को मिलेगा। वे देश-दुनिया के रिसर्च से वक्त पर अपडेट हो सकेंगे। उस कारण से अनुसंधान करवाने वाले गाइड का एकाधिकार टूटेगा। कॉन्सिल के एजुकेशनल एडवाइजर डॉ गौरव सिक्का द्वारा बताया गया कि बिहार की हायर एजुकेशन के हेतु ई-लाइब्रेरी एवं एन लिस्ट की यह व्यवस्था क्रांतिकारी परिवर्तन साबित होगा। बिहार द्वार इस और में असरदार कदम उठा दिया है। यह व्यवस्था UGC -इन्फ्लिबनेट नाम की इंस्टीट्यूशन उपलब्ध करायेगी
कथनीय है कि प्राइवेट कॉलेजों को यह व्यवस्था 30 हजार रुपये वार्षिक शुल्क पर मिलेगा। एन लिस्ट लाइब्रेी की सुविधा में USA , UK, जर्मनी इत्यादि देशों के यूनिवर्सिटी की E-बुक पढ़ने की व्यवस्था मिलेगी। सूचना के अनुसार स्टूडेंट्स को एन लिस्ट का लिंक एवं यूजर ID और पासवर्ड प्रदान कर दिया जाएगा। स्टूडेंट्स उसका उपयोग लैपटॉप, मोबाइल एवं दूसरे डिजिटल के जरिए से कर सकेंगे।