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बिहार के कुणाल आईटी प्रोफेशनल जॉब छोड़, मोती की खेती से कमा रहे अच्छा मुनाफा, जानिए तरीका।

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कोई भी व्यक्ति अपने जुनून और मेहनत के बदौलत कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। ऐसी ही कहानी बिहार के बेगुसराय के सिंघौल के निवासी कुणाल कुमार झा की है। कुणाल झा आईटी टेक्निकल की पढ़ाई कर एक निजी कंपनी में 18 हजार 000 रूपए की नौकरी किया करते थे। कुछ दिनों पश्चात इन्होंने नौकरी छोड़ दी और मोती की खेती की शुरुआत की। मोती की खेती से वह प्रतिवर्ष ढाई से तीन लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं। कुणाल कुमार झा ने अपने घर में ही आधुनिक तरीके से 10 बाय 10 वर्ग फीट की टंकी बनाकर मोती की खेती शुरू की है। खेती करने का उनका तरीका बेगुसराय में काफी चर्चित है।

कुणाल कुमार द्वारा घर में ही भगवान राम, भगवान कृष्ण समेत अन्य भगवान की कलाकृति वाली डिजायनर मोती का उत्पादन शुरू किया गया है। कुणाल द्वारा बताया गया कि समुद्र में सीप के अंदर बालू के कण जाने से वहां केवल गोल मोती का निर्माण होता है। जबकि घर में आधुनिक तरीके से खेती करने पर सीप का ऑपरेशन कर उसमें किसी भी भगवान की कलाकृति को डाइस में डाला जा सकता है और 10 महीने में मोती का निर्माण होता है।

कुणाल कुमार के अनुसार भारत में बेरोजगारी काफी अधिक है। काफी लोग 8 से 10 हजार रूपए की नौकरी के लिए बड़े शहर की ओर रुख करते हैं। ऐसे में लोग इस मोती की खेती से साल में ढाई से तीन लाख रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं। कुणाल झा आईटी टेक्निकल की पढ़ाई कर एक निजी कंपनी में 18 हजार 000 की नौकरी करते थे। नौकरी छोड़ कर कुणाल ने मोती की खेती की शुरुआत की।

बातचीत के दौरान कुणाल कुमार ने बताया कि वे 10 बाय 10 वर्ग फीट में टैंक बनाकर 1 हजार सीप से इस मोती की खेती की शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए लगभग 1 लाख रूपए का खर्च आएगी। इससे लगभग तीन लाख रुपए के मोती का उत्पादन किया जा सकता है। इसके लिए मार्केटिंग भी काफी आसान है। गुजरात सूरत से व्यवसाई आकर मोती खरीदकर ले जाते हैं। कुणाल की इस आधुनिक खेती से उसके परिवार में खुशी का माहौल है। इस खेती के लिए टैंक में सीप को जालीदार झोला बना कर पानी के अंदर उसे लटकाया जाता है और उसकी लगातार देख रेख की जाती है।