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बिहार और नेपाल के बीच इस रेलखंड पर जल्द रेल लाइन बिछाने का काम होगा शुरू, सफर होगा आसान

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मधुबनी के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक ट्रेन का संचालन आरंभ होने के उपरांत अब रक्सौल-काठमांडू रेल प्रोजेक्ट पर शीघ्रता से कार्य चल रहा है। इंडियन एरिया में रक्सौल रेलवे स्टेशन से नेपाल बॉर्डर तक 15 किलोमीटर की जमीन अंकित करवा लिया गया है। वहीं, रेल लाइन बिछवाने के हेतु 3 लेवल के सर्वे का कार्य पूर्ण होने के उपरांत नेपाल की तरफ से कार्य आरंभ करवा दिया गया है। 16 हजार 550 करोड़ रुपये धनराशि की लागत से निर्माण होने वाले रेलवे लाइन का एलान 4 साल पहले की गई थी। उस काम को पूर्ण करवाने की जिम्मेवारी कोंकण रेलवे कारपोरेशन लिमिटेड, मुंबई को दी गई है।

रक्सौल के स्टेशन मैनेजर अनिल कुमार ने बताया हैं 3 साल पहले दोनों देशों की सेंटर टीम द्वारा स्थल जांच की थी। उसके उपरांत बाद भूमि सर्वे का कार्य आरंभ करवा दिया गया। कार्य विवरण सौंप दी गई है। जमीन अंकित कर किसानों को सूचना देने की प्रोसेस चल रही है। उधर, नेपाल एरिया में रेलवे ट्रैक बिछवाने, सुरंग निर्माण तथा मिट्टी भराई के हेतु सामान भेजा गया है।

रक्सौल से काठमांडू के मध्य पाथ मार्ग से डिस्टेंस तकरीबन 190 किमी है। न्यू रेल लाइन निर्माण हो जाने से यह डिस्टेंस काम हो कर 136किमी हो जाएगी। उस प्रकार से रेल मार्ग से काठमांडू की डिस्टेंस 54किमी घट जाएगी। साफ है कि रेलवे से सफर करने में समय की बचत होगी एवं किराया का रेट भी पाथ मार्ग की सादृश्य में कम। अभी पाथ मार्ग से रक्सौल से काठमांडू की सफर करने में तकरीबन 6 घंटे लगते हैं। ट्रेन के माध्यम से यह सफर दो से ढाई घंटे में पूर्ण हो जाएगी । बस का रेट तकरीबन 6 सौ रुपये है। ट्रेन का जनरल टिकट डेढ़ से दो सौ रुपये तक में तक किए गए है।

41.87 किलोमीटर लंबी रेलखंड में 39 सुरंग:- उस रेल लाइन में रक्सौल, वीरगंज, बगही, पिपरा, धूमरवाना, काकड़ी, चंद्रपुर, धीयाल, शिखरपुर, सिसनेरी, सथिकेल एवं काठमांडू साथ ही टोटल 13 स्टेशन प्रपोज्ड हैं। टोटल 32 रोड फ्लाईओवर, 53 अंडरपास, 259 छोटे व 41 बड़े रेल ब्रिज निर्माण होंगे। 39 सुरंगों को भी बनवाया जाएगा। उसकी टोटल लंबाई 41.87 किलोमीटर होगी। रक्सौल की तरस से नेपाल का पहला स्टेशन सिरिसिया होगा।

उस रेलवे लाइन पर नेपाल के प्रमुख इंडस्ट्रियल टाउन पर्सा, वीरगंज, निजगढ़, शिखरपुर, सिसनेरी एवं काठमांडू हैं। रक्सौल से काठमांडू तक रेल संचालन होने से उसका कनेक्टिविटी होगा। उससे न केवल व्यापारीक गतिविधियां बढ़ेंगी, हालाकि टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।