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बिहार और उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए बाईपास रोड का होगा निर्माण, जाने किस जिले से बनेगी यह सड़क।

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राष्ट्रीय उच्च पथ 727 के पनियहवा-छितौनी रेल सह सड़क पुल के रास्ते बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने की योजना है। परंतु इस कार्य में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही है। इन सभी बाधाओं के निवारण के लिए कवायद तेज कर दी गई है। इसी पूर्व इस सड़क को वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना क्षेत्र से होकर गुजारने की योजना थी।

परंतु इसके स्थान पर नए बाईपास रोड का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए डीएम कुंदन कुमार की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में वाल्मीकिनगर विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, विधान पार्षद भीष्म सहनी, सांसद, वाल्मीकिनगर के प्रतिनिधि सहित कार्यपालक अभियंता, नेशनल हाईवे डिविजन, मोतिहारी आदि मौजूद थे।

वहीं इस बैठक में दिल्ली से कुछ कंसलटेंट आए हुए थे जिनके द्वारा बाइपास सड़क निर्माण के लिए विभिन्न एलाइनमेंट का पावर प्रजेंटेशन किया गया। इस सड़क के निर्माण के लिए तीन एलाइनमेंट तैयार किया गया जिसकी जानकारी उनके द्वारा दी गई। इसमें एसएसबी कैम्प, बगहा से यूपी बॉर्डर, डुमवलिया से बेलबनिया, रतनमाला से नेंबुआ शामिल हैं। बैठक में विभिन्न एलाइनमेंट पर विचार किया गया। साथ ही उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा बाइपास सड़क निर्माण से संबंधित अपने विचारों को रखा गया।

डीएम से मिली जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट पश्चिम चम्पारण जिले के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट है। इस बाईपास के निर्माण के पश्चात लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी। साथ ही विकास का मार्ग और प्रशस्त होगा। उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर जल्द ही सहमति देने की बात कही जिससे इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाए। इस सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी एनएच को दी गई है। वन विभाग की ओर से वन क्षेत्र में सड़क निर्माण पर प्रतिबंध लगाने की वजह से मदनपुर से छितौनी रेलपुल तक पक्की सड़क के निर्माण में दिक्कत हो रही है।

इसकी वजह से छितौनी रेल सह सड़क पुल की सार्थकता भी एक तरह से नगण्य है। परंतु वन क्षेत्र से गुजरने में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वैकल्पिक मार्ग के रुप में इस बाइपास कराने की सहमति केंद्र सरकार ने दी है। इसके लिए बैठक का आयोजन कर इस पर चर्चा की गयी।