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ECONOMIC

बिजनेस शुरू करने में होंगे मात्र 25 हजार, माह में मिलेंगे 3 लाख, 50 प्रतिशत केंद्र सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी

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अगर आप बिहार में निवास करते हैं और अगर बिजनेस स्टार्ट करने की योजना बना रहे हैं तो यह न्यूज आपके हेतु बहुत फायदेमंद है। हम आपके लिए एक ऐसे बिजनेस की योजना बताने जा रहे हैं उसमे इन्वेस्टमेंट भी कम है एवं कमाई भी अधिक है। अधिकतर बिजनेस बेहतर इन्वेस्टमेंट कॉस्ट के सहित ही आरंभ होते हैं। परंतु, छोटा व्यापार भी बड़ा नफा देने का दम रखते हैं। ऐसे स्तिथित ही एक बिजनेस की बात हम कर रहे हैं जहां पर आप मात्र 25000 रुपए इन्वेस्टमेंट कर माह का 3 लाख रुपए तक मुनाफा कमा सकते हैं। आप अगर इस बिजनेस को बड़े स्तर पर आरंभ करेंगे तो सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से आपको 50% सब्सिडी भी प्राप्त होगी।

पर्ल फार्मिंग यानी की मोती की खेती उसका बिजनेस काफी चित्ताकर्षक है। नगरी क्षेत्र में तो अधिकतर लोग इसे नहीं जानते। परंतु , ग्रामीण इलाके में उसके बढ़ते कारोबार के उपरांत कुछ वर्ष में इस पर नगरी इलाको में भी फोकस बढ़ा है। साउथ इंडिया और बिहार के दरभंगा के सीप की विशेषता बेहद अच्छी होती है। परंतु , दरभंगा में अभी लोग उसको लेकर बहुत एक्टिव नहीं हैं। गुजरात में उसकी खेती से कई किसान लखपति आवश्य बन गए हैं। ओडिशा तथा बंगलुरु में भी उसको स्कोप बेहतर है।

पर्ल फार्मिंग के हेतु एक जलाशय की आवश्कता होती है। उसमे सबसे महत्वपूर्ण रोल सीप का है। गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का कार्य आरंभ करिए। जलाशय के पानी में सीप को 2 दिन के लिए रखा जाता हैं। धूप और हवा लगने के उपरांत सीप का कवच एवं मांसपेशियां ढीली हो जाने पर सीप की सर्जरी कर उसके भीतर सांचा डाल जाता है। सांचा जब सीप को चुभता है तो भीतर से एक द्रव्य निकलता है। थोड़े अंतराल के उपरांत सांचा मोती की तरह बन कर तैयार हो जाता है। सांचे में कोई भी आकृति डालकर इसकी बनावट का आप मोती बना सकते हैं।

एक सीप को तैयार करने में तकरीबन 25 से 35 रुपए का खर्च लगता हैं। उसमे दो मोती बन कर तैयार हो जाते हैं।मार्केट में एक मोती का रेट तकरीबन 120 रुपए के लगभग होता है। अगर आपकी मोती की क्वॉलिटी बेहतर है तो 200 रुपए तक भी प्राप्त हो सकते हैं। एक एकड़ के जलाशय में तकरीबन 25 हजार सीप आप डाल सकते हैं। आपका उसमे खर्च तकरीबन 8 लाख रुपए का लगेगा। सीप बेहतर निकलते हैं तो सरलता से इससे 30 लाख रुपए तक की वार्षिक इनकम हो सकती है। आपकी निवेश पर सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से आपको 50% सब्सिडी भी मिलेगी।