Connect with us

MOTIVATIONAL

फूलों की खेती से बटुक कमा रहे हर महीने एक लाख रुपए, पहले खर्चा निकालना मुश्किल था

Published

on

WhatsApp

शादी और उत्सव के समय अलग–अलग तरह के फूलों की काफी मांग रहती है। ऐसे में कुछ लोग फूलों की खेती करके भी काफी पैसे कमाते हैं। ऐसी ही कहानी गुजरात के वीरपुर के रहने वाले बटुक की है जो अपने पांच बीघा जमीन पर अलग–अलग तरह के फूलों की खेती करते हैं। बटुक हर दिन बड़े पैमाने पर फूलों को मार्केटिंग करते हैं और उनके फूल गुजरात के साथ देश के दूसरे हिस्सों में भी जाते हैं। इससे वे हर महीने एक लाख रुपए तक कमा लेते हैं।

बटुक कहते हैं कि पारंपरिक खेती कर कपास और गेहूं की खेती से उनका परिवार चलता था। उसके बाद मेरे पिता फूलों की खेती करने लगे। वीरपुर एक तीर्थ स्थल है जहां सालों भर फूलों की मांग रहती है। वे फूलों से माला बनाकर बेचते थे जिससे परिवार का खर्चा निकल जाता था।

एक बीघा जमीन से शुरुआत की फूलों की खेती:

वे बताते हैं कि उन्होंने कुछ वर्षों पहले ही कमर्शियल स्तर पर फूलों की खेती करना शुरू किया। सबसे पहले एक बीघा जमीन पर कुछ नई वैराइटी के फूल लगाए जिसमें डेजी, कुशन, गडलिया शामिल थे। दो से तीन महीने में फूल तैयार होने के बाद उसकी मार्केटिंग करने लगा। पूजा के लिए माला बनाने के साथ ही शादियों और बड़े इवेंट्स पर भी ध्यान दिया जिससे अच्छी खासी कमाई होने लगी।

शादियों और त्योहारों के सीजन में बढ़ जाती है कमाई:

फूलों की खेती से अच्छी कमाई होते ही मैंने व्यापक रूप में इसकी खेती करना शुरू किया और वीरपुर के साथ गुजरात के दूसरे शहरों में फूल की मार्केटिंग करने लगा। फिलहाल मैं पांच बीघे जमीन में इसकी खेती करता हूं जिसमें 5-6 तरह के फूल हैं। बाजार में प्रति किलो फूल की कीमत 50-60 रुपए हैं और शादियों के समय इसकी कीमत बढ़ जाती है। मैं एक बीघे जमीन पर इसकी खेती से हर महीने 20 हजार रुपए कमा लेता हूं।

इस प्रकार फूलों की खेती करें:

फूलों की खेती में विशेष प्रकार के जमीन की जरूरत नहीं होती। जो कमर्शियल लेवल पर फूलों की खेती करते हैं वैसे लोग सालों भर फूल की खेती करते हैं। वर्तमान समय में लोग पॉली हाउस बनाकर भी फूलों की खेती की जाती है। मसलन सजावट वाले फूल अलग, इनडोर और आउटडोर वाले प्लांट अलग लगाएं। इसी तरह मेडिसिनल और कमर्शियल यूज वाले फूल अलग लगाएं, क्योंकि हर फूल की अपनी अलग क्वालिटी होती है।

इस तरह से करें खेती की तैयारी:

खेत की तैयारी के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद का प्रयोग करें। 50 किलो नाइट्रोजन, 200 किलो फॉस्फोरस, 200 किलो पोटाश को मिट्‌टी में मिला सकते हैं। इसके बाद उसमें या तो फूलों के बीज डालिए या नर्सरी से पौधा लाकर लगाइए और हर प्लांट के बीच करीब 10 सेमी की दूरी रखिए और नियमित सिंचाई करते रहें। गर्मी का मौसम में 2-3 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी होती है जिसके लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम काफी प्रभावी है। कुछ पौधे धूप लगने की वजह से जल्द सूख जाते हैं, ऐसे में उनके लिए ऊपर नेट का प्रयोग करना चाहिए।

हर सीजन में कर सकते हैं खेती:

इसकी खेती सालों भर की जाती है। इनमें कई पौधे हर सीजन में उगाए जाते हैं जिनमें गुलाब, चमेली, मार्वल ऑफ पेरू, अपराजिता, बोगनवेलिया शामिल हैं। वहीं कुछ पौधे सीजनल होते हैं जिनमे सूरजमुखी, गुलमेहंदी, जेरेनियम जैसे फूल शामिल हैं। फूलों की साइकिल करीब 2 महीने की होती है।

फूलों की खेती से होती है अच्छी कमाई:

पिछले कुछ समय से फूलों की मांग में लगातार वृद्धि हुई है। वर्ष 2026 तक भारत में फूलों का व्यापार 661 अरब तक भी जा सकता है। वर्तमान समय में हर तरह की इंडस्ट्री में फूलों का उपयोग किया जा रहा है। फूलों की खेती के लिए कम से कम 2 बीघा जमीन होना चाहिए। अच्छे किस्म के पौधों को लगाने के साथ खेती में लगभग 30 से 40 हजार रुपए लग जाते हैं। बढ़िया मार्केट के साथ शादियों और त्योहारों में आप हर महीने 50 हजार रुपए तक की कमाई कर सकते है। पॉली हाऊस और मल्चिंग बेड सिस्टम से 10 से 15 लाख रुपए की खर्च पर एडवांस लेवल पर इसकी खेती की जाती है। इसके लिए सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत तक सपोर्ट भी मिल जाता है।

मधुमक्खी पालन के लिए फायदेमंद है फूलों की खेती:

फूलों की खेती के साथ मधुमक्खी पालन आपके लिए फायदेमंद है क्योंकि मधुमक्खी पालन में फूलों की अहम भूमिका होती है। फूलों के रस से ही मधुमक्खियां शहद तैयार करती हैं। ऐसे में मधुमक्खी पालन आसान भी हो जाता है और लागत भी काफी कम हो जाती है। साथ ही आपका शहद उत्तम क्वालिटी का होता है।