BIHAR
पिता चलाते है पंचर की दुकान और बेटा संघर्ष के बदौलत BPSC में 80वीं रैंक प्राप्त कर बना ऑफिसर
कई युवा संसाधनों के अभाव के बाद भी संघर्ष करते हुए
सफल हुए हैं। ऐसी ही कहानी जमुई के सिकंदरा प्रखंड के रहने वाले हदीद खान की है। उन्होंने अपने गांव के सरकारी स्कूल और सरकारी कालेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। हदीद खान ने 66वीं बीपीएससी की परीक्षा में सफल हुए जिसमें उन्होंने 88वीं रैंक हासिल की और अब बीडीओ बनेंगे। हदीद फुटपाथ पर पंचर बनाने का कार्य करते हैं।
हदीद खान सिकंदरा के पोहे गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से बीपीएससी की 66वीं संयुक्त परीक्षा में सफल हुए और 80वीं रैंक हासिल की। उन्होंने अपने गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी की। हदीद खान एक निम्न वर्ग से आते हैं। उनके पिता समीम खान सिंकदरा के जमुई रोड स्थित भगत पेट्रोल पंप के आगे फुटपाथ पर टायर का पंचर बनाते हैं।
उनके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के बावजूद उन्होंने कठिन परिश्रम से सफलता हासिल की। उन्होंने अपने गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय से आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद सिकन्दरा स्थित +2 श्री कृष्ण विद्यालय से मैट्रिक परीक्षा पास की जिसमें उन्होंने 70 प्रतिशत अंक हासिल किए। वर्ष 2016 में +2 श्री कृष्ण विद्यालय से 74 प्रतिशत अंक के साथ इंटर की परीक्षा में स्कूल टॉप किया। घर पर रहते हुए ही हदीद ने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।
अपने आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने बीपीएससी की तैयारी के साथ सिकन्दरा में ही दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। वर्ष 2019 में स्नातक की डिग्री हासिल कर बीपीएससी की बेहतर तैयारी के लिए पटना आ गए। परंतु कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें वापस घर जाना पड़ा। स्थिति समान्य होने के बाद वह वापस आए और तैयारी जारी की। अंततः उनका परिश्रम रंग लाई और बुधवार की रात बीपीएससी के द्वारा घोषित परिणाम में हदीद ने 80वां रैंक हासिल किया। वे पहले ही प्रयास में बीडीओ के पद पर चयनित हुए।