MOTIVATIONAL
परिवार था खिलाफ, घर में रहकर ऐसे की UPSC Exam की तैयारी; रोज 12-14 घंटे पढ़ाई कर पूरा किया IAS बनने का सपना
UPSC सिविल सर्विस एग्जाम की प्रिपरेशन के हेतु स्टूडेंट्स वर्षो तक परिश्रम करते रहते हैं एवं फिर भी कामयाबी नहीं मिल पाती है, परंतु कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जो बिना किसी कोचिंग के घर पर रहकर परीक्षा में सफल हो जाते हैं। ऐसी ही स्टोरी हरियाणा के नसरुल्लागढ़ की निवासी वंदना सिंह चौहान ने कर दिखाया है।
वंदना सिंह चौहान के हेतु IAS बनने का यात्रा इतना सरल नहीं था, हालाकि इनका पूरा परिवार पढ़ाई के खिलाफ था। वंदना का जन्म हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव के एक ट्रेडिशनल फैमिली में हुआ था एवम उनके घर में लड़कियों को पढ़ाने का चलन नहीं था।
दादा, ताऊ, चाचा एवं परिवार के अन्य पुरुषों के असहमति के अतिरिक्त भी वंदना सिंह चौहान के पिता बेटी के सपने के आगे झुक गए। उन्होंने वंदना को पढ़ने के हेतु मुरादाबाद के समीप लड़कियों के गुरुकुल में पढ़ने के हेतु भेज दिया। वे कहते हैं कि बेटी को शिक्षा प्रदान करने के हेतु मैंने सबका गुस्सा झेला, सबकी नजरों में बुरा बना, परंतु अपना निर्णय नहीं बदला।
गुरुकुल में रहकर 12वीं तक पढ़ाई पूरी करने के उपरांत वंदना सिंह चौहान द्वारा घरपर रहकर लॉ की पढ़ाई भी की तथा कभी कॉलेज नहीं गई। परीक्षा देने के हेतु भी उनके पिता उनको अपने साथ लेकर जाते थे। यहां तक कि वंदना पढ़ाई के हेतु बुक्स भी ऑनलाइन ऑर्डर करती थीं या उनका भाई खरीद कर लाते थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वंदना सिंह चौहान ने लॉ की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत यूपीएससी UPSC परीक्षा की प्रिपरेशन आरंभ करने की तथा गुरुकुल में सीखे हुए डिसिप्लिन तैयारी के समय बेहद काम आया। UPSC परीक्षा की प्रिपरेशन करने के हेतु वंदना ने ना ही कोई कोचिंग जॉइन की तथा ना ही किसी ने उनकी सहायता की। उन्होंने घर पर रहकर वंदना प्रतिदिन 12-14 घंटे की पढ़ाई करती थी।
वंदना सिंह चौहान द्वारा कड़ी परिश्रम से एक वर्ष तक UPSC परीक्षा की प्रिपरेशन की तथा फर्स्ट अटेंपे में ही कामयाबी प्राप्त कर ली। वंदना ने वर्ष 2012 में AIR में 8वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस IAS ऑफिसर अफसर बनने का लक्ष्य पूरा कर लिया।