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पटना से दिल्ली की दूरी 4 से 5 घंटे में होगी तय, 180 किमी प्रति घंटे होगी ट्रेन की रफ्तार

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भारतीय रेलवे की ओर से पटना और दिल्ली के यात्रियों को नई सौगात दिया जाएगा। भारतीय रेलवे की ओर से दिल्ली से पटना के लिए वंदे भारतम एक्सप्रेस का परिचालन किया जाएगा। इस ट्रेन का परिचालन शुरू होने के पश्चात पटना और दिल्ली को केवल चार घंटे में तय किया जा सकेगा। खबर के अनुसार वर्ष 2005 में इस ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। दिल्ली से पटना जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस 12 घंटे में दिल्ली से पटना पहुंचती है।

ट्रेन की गति के संबंध में भारतीय रेलवे की सेमी हाई स्पीड वंदे भारत विदेशी बुलेट ट्रेन से भी तेज है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार कुछ ही सेकंड में वंदे भारत ट्रेन शून्य से सौ किमी की गति तक पहुंच जाता है। सबसे तीव्र गति से चालन होने वाली बुलेट ट्रेन को इसके लिए 55.4 सेकंड का समय लगता है। वहीं वंदे भारत को शून्य से सौ की गति तक जाने में 54 सेकंड ही लगता है।

अधिकारियों के अनुसार वंदे भारत ट्रेन काफी विकसित है। वंदे भारत ट्रेन का चालन इंजन की जगह स्वचालित मोटरों की सहायता से की जाती है। इस ट्रेन के 16 डब्बों में से 5 डब्बों में मोटर लगी होती है। बुलेट ट्रेन के आगे लगे एक इंजन पर वंदे भारत के पूरे ट्रेन में लगी 20 मोटर से अधिक कारगर होती है। वर्तमान समय में वंदे भारत की गति 160 किमी प्रति घंटा है। इसके अपग्रेडेड वर्जन की गति 180 किमी प्रति घंटे होगी। वहीं वर्ष 2025 तक इसके भी अपग्रेडेड वर्जन को तैयार कर लिया जाएगा जिसकी गति 260 किमी प्रति घंटे होगी।

देश की प्रथम वंदे भारत ट्रेन का परिचालन दिल्ली से वाराणसी के बीच होगी। वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन वर्ष 2019 के 15 फरवरी के दिन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था। यह ट्रेन व्यवसायिक रन के साथ 17 फरवरी 2019 को शुरू की गई।

वंदे भारत के अपग्रेडेड वर्जन में सेंट्रलाइज्ड कोच को शामिल किया जाएगा जिसकी मदद से एक ही जगह से पूरी ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी। यहीं से ट्रेन के सारे सिस्टम की निगरानी की जाएगी।

इस नए वर्जन को बैक्टीरिया फ्री बनाया जाएगा। वंदे भारत पूरी तरह से वातानुकुलित ट्रेन है। इस अपग्रेडेड वर्जन में वंदे भारत के कोच बैक्टिरिया फ्री एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस होगी।

वंदे भारत के नए अपग्रेडेड वर्जन में बैठने की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ट्रेन की रेक्लाइनिंग सीट को पुशबैक से लैस किया जाएगा। तात्पर्य यह है कि यात्री उसे पुश कर अपने आराम के हिसाब से आगे या पीछे कर सकते हैं।

इस नए वर्जन में सिक्योरिटी फीचर भी दिए जाएंगे।
हर कोच में अब चार इमरजेंसी विंडो होंगे जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों को जल्द से जल्द निकाला जा सके।

इस नए वर्जन में यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पैसेंजर इन्फाॉर्मेशन सिस्टम लगाया जाएगा। हर कोच में दो के स्थान पर चार इमरजेंसी पुश बटन होंगे। इमरजेंसी विंडो की संख्या में वृद्धि की जाएगी। दरवाजे और खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल का उपयोग किया जाएगा जिससे आग लगने की स्थिति में भी दरवाजा और खिड़कियां खोलना आसन होगा।

इस नए अपग्रेडेड वर्जन में बिजली कटने पर वेंटिलेशन और लाइटिंग के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। बिजली नहीं होने पर लगभग तीन घंटे का वेंटिलेशन मौजूद होगा। हर कोच में बड़ी-बड़ी लाइटें होंगी जो कोच की लाइटें खराब होने पर इस्तेमाल की जाएंगी।