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पटना मेट्रो के सुरंग के निर्माण का कार्य नवंबर से होगा शुरू, जल्द पटना पहुंचेगा टनल बनाने वाली मशीन।

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मेट्रो रेल परियोजना के आरंभ होने की उम्मीद लगाये पटना निवासियों के हेतु बेहतर खबर है। इस वर्ष के नवंबर में पटना मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर टू के टनलिंग का कार्य आरंभ होने की आशा है। टनलिंग के हेतु 4 बोरिंग मशीनें पटना के हेतु रवाना हो गई हैं। जो अगले माह के आखिर में पटना आ जाएगी। परियोजना पर कार्य करने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो मशीनों को पटना के हेतु रुखसत हो चुकी है। कहा जा रहा है कि पटना आने वाले मशीनों को अहमदाबाद मेट्रो फेज 1 के हेतु उपयोग करवाया गया था।

पटना में टनल के माइनिंग का कार्य चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन हैवी इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड (CRCHI) की 2 न्यू मशीनें। उसके सहित ही, हुबेई तियांडी हेवी इंडस्ट्रीज (THI) टेराटेक की 2 रीफर्बिश्ड मशीनें (S71 एंड S72) करेंगी। इस मैटर में दिल्ली मेट्रो रेल निगम के एक ऑफिसर द्वारा बताया गया कि ‘ आशा है कि अक्टूबर के आखिर तक मशीनें पटना आ जाएंगी। कॉरिडोर 2 के अंडरग्राउंड सेक्शन पर टनल का कार्य 24 से 30 महीनों में पूर्ण होने की पॉसिबिलिटी है’। इन मशीनों से पहले राजेंद्र नगर से पटना जंक्शन तक ट्विन सुरंग निर्माण करवाई जाएगी। मशीनें पटना यूनिवर्सिटी तक टनल माइनिंग होगी। जहां से उसे निकाला जाएगा। गांधी मैदान से पटना BB तक दूसरी मशीन से माइनिंग आरंभ होगी।

आपको कह दें कि सीएम नीतीश कुमार द्वारा अगस्त 2022 में राजेंद्र नगर एवं पटना जंक्शन को कनेक्ट करने वाले पटना मेट्रो परियोजना फेज 1 का शुभारंभ करवाया गया था। उसकी हाइट 7.2 किलोमीटर है। सूचना के अनुसार 7.9 किलोमीटर अंडरग्राउंड नेटवर्क पर कार्य 2026 तक पूर्ण होने की आशा है। दूसरे लेवल में गांधी मैदान एवं पटना जंक्शन के सहित। मोइन-उल-हक स्टेडियम एवं राजेंद्र नगर के मध्य माइनिंग का कार्य होगा। DMRC के ऑफिसर द्वारा बताया गया कि सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग (ईपीबी) प्रविधि का इस्तेमाल करके किया जाएगा। इसकी कंक्रीट लाइनिंग प्रीकास्ट सुरंग रिंग्स से निर्माण होगी।

पटना मेट्रो की 2 लाइनों पर 24 स्टॉप निर्माण करवाने का प्लान है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने 6 फरवरी 2019 को इसकी उसकी अनुमति दी थी। इसके उपरांत नरेंद्र मोदी ने 17 फरवरी 2019 को प्रोजेक्ट के नींव का पत्थर रखा। NCC लिमिटेड पटना मेट्रो फेज 1 में खुदाई का काम 1 नवंबर 2020 को ही आरंभ हो चुकी है। उसमे पाइलिंग का कार्य दिसंबर 2020 तक चला है। कॉरिडोर वन में दानापुर से खेमनी चक सम्मिलित है। कॉरिडोर 2 में पटना जंक्शन से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक कार्य होना है। वहीं DMRC पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के समय एनवायरमेंट के सहित हरित मानकों का पालन निश्चित हो, उसके हेतु भी पहल कर रही है।

कॉरिडोर- वन के अंतर्गत दानापुर-मीठापुर-खेमनीचक होगा। उसकी टोटल लंबाई 17.933 किलोमीटर होगी। उसमे 7.393 किलोमीटर भूमि से ऊपर एवं 10.54 किलोमीटर अंडरग्राउंड मेट्रो लाईन होगी। हालाकि , कॉरिडोर-टू के अंतर्रगत पटना रेलवे स्टेशन-गांधी मैदान-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल होगा। उसकी टोटल कुल लंबाई 14.564 किलोमीटर होगी। उस रूट मं 7.926 किलोमीटर अंडरग्राउंड एवं 6.638 किलोमीटर भूमि से ऊपर लाईन होगी। कॉरिडोर- वन में टोटल 14 मेट्रो स्टेशन होंगे। उसमे दानापुर, सगुना मोड़, RPS मोड़, पाटलिपुत्र स्टेशन भूमि से ऊपर होंगे। उसके उपरांत मेट्रो अंडरग्राउंड हो जायेगी। रूकनपुरा, राजाबाजार, पटना चिड़ियाघर, डेवलपमेंट ब्लीडिंग , इलेक्ट्रिसिटी ब्लीडिंग, पटना स्टेशन अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन होगा। फिर मेट्रो भूमि से ऊपर हो जाएगा । मीठापुर, रामकृष्ण नगर, जगनपुरा एवं खेमनीचक भूमि से ऊपर वाले मेट्रो स्टेशन होंगे। उस रूट पर पटना स्टेशन एवं खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन भी उपलब्ध होंगे।

पटना मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर टू में 7 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे। पांच स्टेशन भूमि से ऊपर होंगे। पटना स्टेशन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, PMCH , पटना यूनिवर्सिटी मोइनुल हक स्टेडियम एवं राजेंद्र नगर स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे। हालाकि, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरो माइल एवं पाटलिपुत्र बस टर्मिनल ओवरहेड मेट्रो स्टेशन होंगे। उस रूट पर खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन होगा। परियोजना को लेकर निरक्षण और मिट्टी की जांच पहले ही पूर्ण हो चुकी है।