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पटना में इन तीन मुख्य नालों के ऊपर 155 करोड़ की लागत से सड़क का होगा निर्माण।

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स्मार्ट सिटी के मध्य कंपीटीशन में पटना हमेशा पिछड़ता ही रहा है। पब्लिक फीडबैक में यह चीज नजर आई है कि नगर के खुले नालों के वजह से नजदीक की बड़ी जनसंख्या निराश रहती है। बाहर से लोगों को पटना आने पर भी खुले नालों को दिखते है जिसे की खराब छवि बनती है। यह देखते हुए पटना स्मार्ट सिटी द्वार नगर के मध्य से प्रभावित होने वाले 4 खुले नालों के पुनर्निर्माण के सहित कई अन्य योजनाएं बनाया है। उनमें से एक मंदिरी नाले पर पाथ निर्माण का कार्य पहले ही आरंभ हो चुका है।

अब 3 और नालाें काे ढंककर पाथ निर्माण की DPR तैयार करने की जिम्मेवारी बुडको को दी गई है। उनमें आनंदपुरी, बाकरगंज एवं सर्पेंटाइन नाला सम्मिलित हैं। बाबा चौक से आनंदपुरी तक 39.28 एकड़ में फैलाओ नाले का पुनर्निर्माण हाेगा। यह नाला सबसे बड़े अधिवासी क्षेत्र से होकर गुजरता है। उसको ढंककर रोड निर्माण में 74.04 करोड़ की धामराशि खर्च होगी।

उसी प्रकार से दूसरे बड़े नाला सर्पेंटाइन नाले के 8.03 एकड़ भाग को डेवलप करवाने की प्लान है। उसपर 59.57 करोड़ की लागत खर्च हाेंगे। उसके अतिरिक्त सघन आबादी के मध्य से गुजरने वाले 8.64 एकड़ के बाकरगंज नाले को भी डेवलप करवाया जाएगा। 21.30 करोड़ रुपए लागत की खर्च कर उस नाले का पुनर्निर्माण करवाने के सहित ही उसको ढंककर चमचमाती रोड निर्माण होगी ।

नालों के अतिरिक्त 5 एकड़ में छह मॉर्डन शवदाह गृह निर्माण करवाए जाएंगे। उनमें 2 विद्युत शवदाह गृह हाेंगे। उसके हेतु भी DPR तैयार करवाया जा रहा है। उसपर स्मार्ट सिटी 89 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इन प्लान को सम्मिलित करने के उपरांत NBD एरिया में 60 एकड़ और सम्मिलित करवा लिया गया है। सभी निर्माण योजना के हेतु पटना स्मार्ट सिटी मिशन शीघ्र ही निविदा की प्रोसेस तथा निर्माण काम आरंभ करेगा।

आपराधिक घटनाओं से भी नगर की छवि खराब हाेती है। आए दिन चोरी, लूट तथा छेड़खानी की मामला नजर आ रही हैं। उसपर कंट्रोल करना चेलंजिंग है। उसके हेतु पटना स्मार्ट सिटी की तरफ से इंटीग्रेटेड कंट्रोल और कमांड सेंटर, ICCC के माध्यम से सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करवाने के मॉर्डन टेक्निक का उपयोग करवाया जाएगा। यह पूरा सिस्टम अगले वर्ष फरवरी तक फंक्शन करवाने लगेगा।

स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा अब शहर की रैंकिंग का न्यू पैमाना तय करवाया गया है। पहले ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के माध्यम पर रैंकिंग तय होती थी। अब अर्बन आउटकम फ्रेमवर्क चुनौती के अंतर्गत हाेगी। उसके अंतर्गत देशभर की स्मार्ट सिटी अपने नगर को उस प्रकार से डेवलप करवाएगी कि वहां लोग निवास करने और बसने को जागरूक हो सकें। पहले के रैंकिंग के मुताबिक इज ऑफ लिविंग की कैटगरी में पटना देशभर में 33वें स्थान पर था । न्यू मानदंड के माध्यम पर अच्छी रैंकिंग के हेतु पटना स्मार्ट सिटी द्वारा भी राजधानी को सुंदर बनवाने के हेतु में पहल की गई है।