BIHAR
पटना में इंडिया गेट, गेटवे ऑफ इंडिया की तरह है एक गेट जो पटना की खूबसूरती में लगता है चार-चाँद।
दिल्ली के इंडिया गेट, मुंबई में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया और फतेहपुर सिकरी के बुलंद दरवाजा को देखने के लिए काफी लोग जाते हैं। इसकी के प्रकार पटना में गेटवे ऑफ इंडिया की तरह बिहार का सभ्यता द्वार है जिसकी ऊंचाई 6 मीटर से अधिक है। यहां के काफी लोग सभ्यता द्वार को देखने आते हैं। पटना में स्थित सभ्यता द्वार बिहार के गौरव को प्रदर्शित करता है।
20 मई 2016 को पटना में स्थित सभ्यता द्वार का निर्माण किया गया था जिसका उद्घाटन 1 दिसंबर 2018 को किया गया। काफी लोग सभ्यता द्वार देखने जाते हैं जिसके लिए 11 बजे से 6 बजे तक का समय निर्धारित है। सभ्यता द्वार के पास गार्डन भी मौजूद है और साथ ही गंगा ड्राइव का भी दृश्य देखने को मिलेगा। गंगा किनारे स्थित सभ्यता द्वार पर्यटक स्थल के रूप में है। इस सभ्यता द्वार का निर्माण फतेहपुर सिकरी का बुलंद दरवाज़ा, दिल्ली का इंडिया गेट और मुम्बई का गेटवे ऑफ इंडिया की तरह ही किया गया है।
गांधी मैदान के नजदीक ज्ञान भवन और बापू सभागार के बीच गंगा किनारे सभ्यता द्वार काफी मशहूर है। गांधी मैदान के उत्तर और अशोका इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर के पीछे सभ्यता द्वार निर्मित है जो बिहार के प्राचीन को दर्शाता है। सभ्यता द्वार के एक तरफ सम्राट अशोक, महात्मा बुध और दूसरी तरफ महावीर और मेगास्थनीज है। सभ्यता द्वार के सामने साम्राट अशोक की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। इसके साथ ही इस पर जैन तीर्थंकर वर्द्धमान महावीर के संदेश और भगवान बुद्ध के भी संदेश खंडित हैं।
सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र कैंपस में सभ्यता द्वार का निर्माण किया गया है। इसके निर्माण के लिए पांच करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया की तुलना में उसकी लंबाई 32 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर और ऊंचाई 6 मीटर अधिक है। वहीं सभ्यता द्वार की ऊंचाई गोलघर से 3 मीटर अधिक है। सभ्यता द्वार एक एकड़ भूमि में फैला है। कोई भी व्यक्ति निशुल्क सभ्यता द्वार घूम सकता है। सभ्यता द्वार बिहार के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता है। यह हमें उस दौर की याद दिलाती है जिस वक्त पाटलिपुत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र था।