BIHAR
नीतीश सरकार में एक और घोटाला! तीन अरब का हिसाब नहीं दे रहे अधिकारी, कार्रवाई की चेतावनी
बिहार में सरकारी राशि का बड़े पैमाने पर वारा-न्यारा कर लिया गया है। हाई स्कूलों और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उपस्कर और प्रयोगशाला उपकरण के नाम पर भेजी गई करीब 3 अरब से अधिक की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है. सरकार के बार-बार पत्र दिए जाने के2 साल बाद भी स्कूल प्रबंधन उक्त राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दे रहा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अब तक 5 बार पत्र लिखकर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने का निर्देश दिया. बावजूद अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. अब संभावना अधिक हो गई है कि सरकारी राशि का बंदरबांट कर लिया गया है. शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने एक बार फिर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है।
निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि अब तक कई बार पत्राचार कर 2017-18 में राज्य उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में उपस्कर एवं माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की आपूर्ति हेतु राशि उपलब्ध कराई गई थी. बार-बार पत्राचार करने के बावजूद अभी तक उपयोगिता संबंधी अनुपालन प्रतिवेदन नहीं दिया गया है.निदेशक ने कहा है कि आपके द्वारा विभागीय कार्य में रुचि नहीं ली जा रही है. अगर 28 जून 2020 तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया जाता है तो आपके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा कर दी जाएगी।
दो अरब मिला था स्कूलों को
शिक्षा विभाग ने राज्य के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में प्रयोगशाला को सुदृढ़ करने के इरादे से शैक्षिक सत्र 2017-18 में राशि का प्रबंध किया था। इसके लिए माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों को 2 अरब से अधिक की राशि दी गई थी। उच्च माध्यमिक स्कूलों को उपस्करों की खरीद के लिए 2 अरब का बंदोबस्त विभाग ने किया था। साथ ही 2000 प्लसटू स्कूलों को प्रति स्कूल 5 लाख के मुताबिक एक अरब दिए गए थे।