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दिव्यांग पिता ने बेटी को पढ़ाकर बनाया थानेदार, कंधे पर लगे पुलिस के 2 स्टार, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

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सरहदी बाड़मेर की लक्ष्मी गढ़वीर छोटे से गांव मंगले की बेरी की रहने वाली है। लक्ष्मी की जिंदगी आरंभ से ही बेहद संघर्षपूर्ण रही है। इतनी चैलेंजिंग होने के अतिरिक्त उसने हिम्मत नहीं हारी। लक्ष्मी के पिता रायचंद नेत्रहीन है एवं 2 भाइयों की वह इकलौती बहन ने सब इंस्पेक्टर बनकर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है। 12वीं पास करने के उपरांत पुलिस भर्ती एग्जाम दी एवं वर्ष 2011 की जुलाई में बाड़मेर में पुलिस कांस्टेबल के हेतु उनका सिलेक्शन हो गया।

लक्ष्मी कहती हैं कि प्रशिक्षण के उपरांत भी पुलिस की ड्यूटी के सहित अपनी शिक्षा को बदस्तूर जारी रखा। BA के उपरांत उसने MA की। कॉम्पिटेटिव एग्जाम की प्रिपरेशन जारी रखी। वह कहती है कि कांस्टेबल बनने के उपरांत जब शिक्षा जारी रखी तो आरंभ में लोगों ने उनके परिजनों को ताने दिए कि अब क्या पढ़कर क्या ऑफिसर बनेगी? परंतु लक्ष्मी ने मन में ठान रखी थी।

9 वर्ष के लंबे संघर्ष एवं परिश्रम के उपरांत लक्ष्मी का राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर में सिलेक्शन हो गया। लक्ष्मी ने अपनी सब इंस्पेक्टर की प्रशिक्षण पूरी की एवम हाल ही में दीक्षांत प्रोग्राम में उसके कांधे पर दो स्टार लगे। सब इंस्पेक्टर की यूनिफॉर्म पहन कर जब वह पहली बार घर आई तो अपने मां बाबा को सैल्यूट कर उनको नमस्कार किया।

सरहदी बाड़मेर की लक्ष्मी द्वारा वह कर दिखाया उसकी किसी को भनक तक नही थी। लक्ष्मी बाड़मेर के मेघवाल समाज की वह पहली वूमेन सब इंस्पेक्टर बनी है।लक्ष्मी जब सबसे पहले इंस्पेक्टर बनकर घर आई तो घरवालों का खुशी का ठिकाना नही था। लक्ष्मी के बड़े भाई मुकेश द्वारा बताया गया कि उन्होंने हायर सेकंडरी तक ही पढ़ाई की, परंतु लक्ष्मी पढ़ाई में अच्छी थी। इसी के हेतु स्वम का पढ़ाई छोड़कर लक्ष्मी को पढ़ाया एवम आज सब इंस्पेक्टर बनकर पहली बार घर आई है हालाकि यह बहुत ही मेमोरेबल पल रहा।

दिव्यांग पिता एवं झोपड़ी वाले घर में रह रहे 2 भाइयों की इकलौती बहन ने यह सच कर दिखाया कि न तो बेटियां कमजोर है तथा न ही दिक्कतें बड़ी है। सरहदी बाड़मेर में मेघवाल समाज के परिवार में लक्ष्मी पहली मेंबर है उसने कांस्टेबल से आरंभ कर सब इंस्पेक्टर बनने का मुकाम प्राप्त किया। लक्ष्मी ने आज यह सच कर दिखाया की फाइनेंशियल कंडीशन कमजोर होने के अतिरिक्त हिम्मत नहीं हारना एवं परिश्रम करने के उपरांत कामयाबी आपको जरूर प्राप्त होती है।