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चाय की दुकान से IAS बनने तक का सफर किया तय, हिमांशु ने बिना कोचिंग लगातार 3 बार क्रैक किया यूपीएससी।

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प्रत्यक वर्ष देश के लाखों नौजवान यूपीएससी एग्जाम मैं सम्मिलित होते हैं। UPSC सिविल सेवा एग्जाम फर्स्ट अटेंपर्ट में क्रैक करना बहुत मुश्किल होता है। कुछ कैंडिडेट को तो उस एग्जाम को क्रैक करने में वर्षो लग जाते हैं। आज यहां हम IAS ऑफिसर हिमांशु गुप्ता की स्टोरी बताने जा रहे हैं उन्होंने अपनी कठिन परिश्रम तथा लगन से फर्स्ट अटेंपे में UPSC एग्जाम पास कर लिया था। पहले अटेंप्ट में UPSC क्रैक करने के सहित इन्होंने निरंतर 3 बार UPSC पास करने का रिकॉर्ड भी तैयार किया है। वर्ष 2020 में AIR 139 प्राप्त करने वाले हिमांशु गुप्ता का IAS बनने का यात्रा सरलता नहीं था। चलिए उनके परिश्रम को कहानी जानते हैं।

यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम देश की सबसे कठिन एक्जामो में से एक है तथा उसे निरंतर 3 बार क्रैक करना अपने आप में एक रिकॉर्ड है। हिमांशु उत्तराखंड के सितारगंज जिले के निवासी हैं। उनका संबंध एक बहुत नॉर्मल परिवार से है।उनके पिता दुकानदार हैं। हिमांशु प्रत्येक सुबह अपने पिता के दुकान पे जाया करते थे एवम वहां जाकर न्यूजपेपर पढ़ा करते थे। न्यूज़पेपर पढ़ते-पढ़ते उन्होंने UPSC की प्रिपरेशन करने का निर्णय लिया।

परिवार की खराब परिस्थिति को देखने के उपरांत, हिमांशु स्कूल के उपरांत चाय की दुकान पर अपने पिता की सहायता करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमांशु गुप्ता को केवल बेसिक अंग्रेजी सिखने के हेतु प्रत्येक दिन 70 किमी का यात्रा करना पड़ता था। स्कूली पढ़ाई पूर्ण होने के उपरांग हिमांशु दिल्ली विश्वविध्यालय के हिंदू कॉलेज में ऐडमिशन लिया। कॉलेज की शिक्षा के दौरान फीस जमा करने के हेतु वो ट्यूशन भी पढ़ाया करते थे। हिमांशु ने सिविल सर्विस की प्रिपरेशन करने का निर्णय लिया। उसके हेतु उन्होंने सेल्फ स्टडी का रास्ता अपनाया।

हिमांशु ने UPSC की प्रिपरेशन के हेतु किसी कोचिंग की सहायता नहीं ली। हिमांशु ने पहले अटेंपट में वर्ष 2018 में UPSC एग्जाम पास की। रैंक के मुताबिक, उन्हें इंडियन रेलवे सेवा प्राप्त हुई। उसके उपरांत वर्ष 2019 में उन्होंने UPSC क्रैक कर पुलिस सर्विस में ज्वॉइन किया। वर्ष 2020 में हिमांशु ने तीसरी बार UPSC एग्जाम दी। इस बार उन्हें 139वीं रैंक प्राप्त हुई। तीसरी बार एग्जाम पास कर IAS बनने का लक्ष्य पूरा कर लिया। एक इंटरव्यू में हिमांशु द्वारा बताया गया था कि UPSC प्रिपरेशन के हेतु उन्होंने इंटरनेट का सहयोग लिया एवं डिजिटल तरीके से मॉक टेस्ट दिए थे।