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BIHAR

कैमूर का करकटगढ़ वाटरफॉल टूरिस्ट का पसंदीदा जगह, इको टूरिज्म के तर्ज पर किया जा रहा विकास।

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बिहार राज्य के कैमूर और रोहतास जिले में कई खूबसूरत जलप्रपात हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य करता है। इसका आकर्षक दृश्य लोगों को मोहित करती है। इसके पास जाकर लोग खुद को प्रकृति के नजदीक पाते हैं। वहीं कैमूर के करकटगढ़ जलप्रपात को देखने के लिए अधिक संख्या में सैलानी यहां आते हैं। बारिश की मौसम में जलप्रपात की सुंदरता अधिक हो जाती है।

कैमूर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी की दूरी पर करकटगढ़ जलप्रपात मौजूद है। यहां अधिक संख्या में लोग आया करते थे जिसे ध्यान में रखते हुए दिसंबर 2019 से इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाने लगा। यहां इको टूरिज्म पार्क, मगरमच्छ संरक्षण केंद्र की स्थापना की गई। रात्रि में पर्यटकों के विश्राम के लिए कैंपिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। यह जलप्रपात पूर्वांचल, शाहाबाद और मगध के लोगों को आकर्षित करता है। इस जलप्रपात का पानी नीचे जाकर कर्मनाशा नदी में सम्मिलित हो जाता है।

प्राकृतिक सौंदर्य के नजदीक कैमूर हिल्स में अधिक मात्रा में पर्यटक आते हैं। कैमूर हिल्स लगभग 483 किमी लंबी विंध्य पहाड़ियों का पूर्वी हिस्सा है जो मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कटंगी से बिहार के कैमूर-रोहतास जिले तक विकसित है। यह पहाड़ियां भारतीय उप-महाद्वीप में अरावली के साथ सबसे पुरानी चट्टान संरचनाओं में से एक हैं। यह मुख्य रूप से पुरानी आग्नेय चट्टानों से मिलकर बनी हुई हैं।

कैमूर घाटी की जैव विविधता, विभिन्न प्रकार के पक्षी, दुलर्भ जंगली जानवर, आयुर्वेदिक औषधियां, किले, प्राकृतिक जलप्रपात ये सभी पर्यटन में अलग भूमिका निभाते हैं और पर्यटन को यादगार बना देते हैं। इन पहाड़ियों पर हिन्दू देवी-देवताओं के पौराणिक मंदिर भी हैं। कैमूर हिल्स पर काफी टूरिस्ट स्पॉट हैं। यहां दुर्गावती डैम, शेरगढ़ किला, जगदहवा डैम, करकटगढ़ जलप्रपात, तेल्हाड़ कुंड, मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर वन्यजीव अभयारण्य, महादेव खोह, ताराचंडी शक्तिपीठ, और मांझर कुंड मौजूद है।

रोहतास और कैमूर जिलों के सीमा पर स्थित दुर्गावती डैम पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। पर्यटक यहां के प्रकृति की सुंदर दृश्य को काफी पसंद करते हैं। साथ ही ये पर्यटन को काफी यादगार बना देते हैं। यह डैम रोहतास के शेरगढ़ पहाड़ी और कैमूर के करमचट के पास राजादेव टोंगर की पहाड़ी के बीच से निकलने वाली दुर्गावती नदी पर निर्मित है।