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एक माँ अपने बच्चों से दो साल तक रहीं दूर और अंततः यूपीएससी क्रैक कर दूसरे रैंक के साथ बनी कलेक्टर

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सिविल सर्विसेज देश के प्रतिष्ठित परीक्षा में से एक है। इसको लेकर अलग जुनून दिखता है। इस एग्जाम में सफल होने के लिए काफी मेहनत करते हैं। प्रति वर्ष लाखों परीक्षार्थी सिविल सर्विसेज की इस परीक्षा में शामिल होते हैं। उसमें से कुछ ही परीक्षा इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं। ऐसी ही कहानी अनु कुमारी की है जिन्होंने कई मुश्किलों को पार कर अपने लक्ष्य को हासिल किया और अन्य महिलाओं के लिए मिशाल कायम किया।

दरअसल अनु कुमारी हरियाणा के सोनीपत की निवासी हैं जिन्होंने वर्ष 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया। अनु ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से भौतिकी में अपनी पढ़ाई की और डिग्री हासिल की। इसके पश्चात उन्होंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की और मुंबई में स्थित आईसीआईसीआई बैंक में नौकरी करने लगी। वर्ष 2012 में उनकी शादी हो गई और वे गुरुग्राम में रहने लगी।

अनु के स्कूल के समय ही उनके दोस्त उन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा में शामिल होने की सलाह दिया करते थे। परंतु उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने की वजह से उन्होंने नौकरी की। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उनके इस सफर में अनु के परिवार के लोगों ने भी काफी सहायता की। साथ ही उनके ससुराल के लोगों ने भी काफी सहयोग किया।

यूपीएससी एग्जाम में सफल होने के लिए अनु ने काफी त्याग किया। उनका यह त्याग व्यर्थ नहीं हुआ। यूपीएससी एग्जाम के तैयारी के लिए अनु लगभग दो वर्षों तक अपनों बच्चों से दूर रही। अनु को अपने प्रथम प्रयास में असफलता हासिल हुई परंतु उन्होंने हार नहीं मानी। अपने कठिन परिश्रम और जुनून के बदौलत उन्होंने वर्ष 2017 में यूपीएससी एग्जाम में दूसरा स्थान हासिल किया। इस सफलता से उन्होंने कई लोगों को प्रेरित करने का भी कार्य किया।