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BIHAR

उत्तर बिहार के इस रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य हुआ पूरा, 120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड में ट्रायल रहा सफल।

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रेल से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होते जा रही है जिसको लेकर रेलवे की ओर से नई व्यवस्था भी की जा रही है। इसी बीच रेलवे द्वारा बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर तीव्र गति से कार्य जारी है। प्रत्येक महीने किसी एक रेल रूट के दोहरीकरण का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर- मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत 16 किलोमीटर लंबे महवल-मेहसी-चकिया रेलखंड पर दोहरीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया। इसका निरीक्षण बुधवार के दिन रेलवे के संरक्षा आयुक्त सुवोमोय मित्रा द्वारा किया गया और साथ ही तीव्र गति से ट्रेनों का सफल ट्रायल भी किया गया।

इसके पश्चात संरक्षा आयुक्त द्वारा महवल से चकिया तक विशेष ट्रेन से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल भी किया गया जिसमें ट्रेन की अधिकतम गति 120 किमी रही। पूमरे के मुख्य जनसूचना अधिकारी बीरेंद्र कुमार के अनुसार 101 किमी मुजफ्फरपुर-सगौली रेलखंड का दोहरीकरण परियोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसके लिए लगभग 1586 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। मुजफ्फरपुर -सगौली दोहरीकरण परियोजना को छह खंडों में विभाजित कर कार्य किया जा रहा है। इनमें से 16 किलोमीटर लंबे महवल से चकिया तक के दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है।

खबर के अनुसार मुजफ्फरपुर-वाल्मीकिनगर रेलवे लाइन के दोहरीकरण परियोजना पर कुल 2402 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना में कुल 211 किमी की लंबाई में रेलवे लाइन को डबल किया जाएगा।मुजफ्फरपुर–वाल्मीकिनगर रेलमार्ग डबल होने से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में ट्रेनों के परिचालन क्षमता और कनेक्टिविटी और बेहतर होगा।