BIHAR
इस दिन से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटन सत्र की शुरुआत, बारिश और आदमखोर बाघ की वजह से सत्र शुरू होने में 15 दिनों की देरी
1 नवंबर से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी की शुरुआत होने वाली है और साथ ही पर्यटन सत्र की भी शुरुआत होगी। इसके लिए बीटीआर प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। सफारी के लिए रास्तों का मरम्मत किया जा रहा है। पर्यटक जंगल सफारी, ई रिक्शा, साइकिल, पाथवे समेत इको टूरिज्म का आनंद ले पाएंगे। इसके लिए वीटीआर प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
वीटीआर के डायरेक्टर नेशामणि के अनुसार 1 नवंबर से वीटीआर में जंगल सफारी की शुरुआत करने की योजना है। दरअसल वर्षा की वजह से इस बार पर्यटन सत्र में 15 दिनों की देरी हुई है। बारिश की वजह से जंगल सफारी के लिए रास्तों का मरम्मत नहीं किया जा सका है। परंतु बारिश की समाप्ति के साथ ही रास्तों के मरम्मत कार्य की शुरुआत कर दी गई है। वीटीआर खोलने को लेकर अन्य तैयारी चल रही है।
इस बार बारिश के साथ आदमखोर बाघ की वजह से भी पर्यटन सत्र में भी देरी हुई है। 28 दिनों तक वन विभाग और वीटीआर प्रशासन द्वारा बाघ के रेस्क्यू कार्य जारी रहा जिसकी वजह से भी जंगल सफारी वाले रास्ते का मरम्मत नहीं हो सका। वहीं 10 दिन पहले तक बारिश होने की वजह से जंगल से गुजरने वाली पहाड़ी नदियों में जल स्तर बढ़ गया और रास्ते खराब हो गए। हालांकि युद्ध स्तर पर वन विभाग की ओर से रास्तों को सही करने का कार्य जारी है।
21 दिसंबर 2021 को नीतीश कुमार की उपस्थिति में वाल्मीकि नगर में कैबिनेट का बैठक आयोजित था। इसी दौरान नौका विहार के लिए मृत पड़े त्रिवेणी कैनाल को नौका विहार के लिए बनाया गया था जिसका उद्घाटन नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। परंतु इस कैनाल में अब न कोई नाव और न ही नौका विहार के लिए व्यवस्था है। हालांकि इसके अतिरिक्त बाल्मीकि नगर में पर्यटन के लिए काफी जगह है जो बिहार में अन्यत्र दुर्लभ है।
जंगल सफारी में पर्यटकों को बाघों का दर्शन काफी रोचक लगता है।हालांकि बगहा वाल्मीकि नगर मुख्य पथ पर सड़क के बीच में अक्सर बाघ दिख जाता है। इसके साथ ही तेंदुआ, बंदर, लंगूर, हिरण, सांभर, भालू, गौर, जंगली कुत्ता, घड़ियाल, मगरमच्छ ,नीलगाय, मोर, पहाड़ी बुलबुल , पहाड़ी तोता के साथ अन्य दर्जनों दुर्लभ प्रजाति के जीव यहां देखने को मिल जाते हैं।
गंडक नदी के तट पर जंगलों के बीच निर्मित होटल वाल्मीकि बिहार, जंगल कैंप परिसर में बने बंबू हट, फोर फ्लैट के अलावा वाल्मीकि नगर, गनोली, नौरंगिया, गोवर्धना, मदनपुर, दोन, मंगुराहा आदि जगहों पर वन विभाग के रेस्ट हाउस की व्यवस्था उपलब्ध है। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना का दर्शन करने के लिए सड़क एवं रेल मार्ग दोनों से पहुंचा जा सकता है। पर्यटक अपने निजी वाहन से भी यहां पहुंच सकते हैं।