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खोई सुनने की शक्ति, 102 डिग्री बुखार में भी दी UPSC एग्जाम, 9वीं रैंक हासिल कर बनी आईएएस ऑफिसर।
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कठिन परिश्रम, निरंतर प्रयास और दृढ़ निश्चय से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। ऐसी ही कहानी आईएएस ऑफिसर बनी सौम्या शर्मा की है। उन्होंने अपनी सुनने की शक्ति खोने के बावजूद वर्ष 2017 में अपने प्रथम प्रयास में 9वीं रैंक के साथ यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की। सौम्या ने यूपीएससी की पढ़ाई के दौरान कई मुश्किलों का सामना किया। सौम्या निरंतर आगे बढ़ने में विश्वास रखती हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपने प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की।
अपने 16 के आयु के दौरान उन्होंने अपने सुनने की शक्ति खो दी। इसकी वजह अभी तक नहीं पता चल पाई है परंतु सौम्या अपनी 90 से 95 प्रतिशत तक सुनने की शक्ति खो चुकी थी। सौम्या के लिए यह काफी मुश्किल भरा दौर था। परंतु कुछ समय बाद उन्होंने खुद को समझा लिया कि अब यही उनका सच है और उन्हें ऐसी ही अपना जीवन जीना पड़ेगा। हालांकि, सौम्या हियरिंग ऐड की मदद से सुन पाती है।
सौम्या शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी तेज थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा खत्म करने के पश्चात नेशनल लॉ स्कूल में नामांकन करा लिया। दरअसल सौम्या दिल्ली की रहने वाली हैं। लॉ के अंतिम वर्ष में ही सौम्या ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। उन्होंने केवल 23 वर्ष की उम्र में अपने कठिन परिश्रम की बदौलत यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की।
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अपने मेंस एग्जाम के दौरान सौम्या की तबीयत काफी खराब हो गई थी परंतु सौम्या ने हालत के सामने घुटने नहीं टेके और हार न मानते हुए एग्जाम देने का निर्णय लिया। परीक्षा के दिनों में सौम्या को 102 डिग्री बुखार था जो कभी-कभी 103 डिग्री भी पहुंच जाता था। ऐसे में सौम्या को एक दिन में तीन बार सलाइन ड्रिप चढ़ायी जाती थी। यहां तक की परीक्षा में लंच ब्रेक के समय भी उन्हें सलाइन ड्रिप देनी पड़ती थी। ऐसी ही परिस्थितियों में सौम्या ने अपना मेंस का एग्जाम दिया था।
सौम्या ने अन्य यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों से कहा कि यूपीएससी एग्जाम के लिए अपने सोर्सेस का चयन बड़ी सावधानी से करें। ऐसा न हो कि एक ही टॉपिक पर आपको अलग-अलग किताबों से पढ़ना पड़े। अच्छे से रिसर्च करने के बाद ही अपनी किताबों का चयन करें लेकिन एक बार किताबों का चनय करने के पश्चात उन्हीं किताबों से पढ़ें। इसके अतिरिक्त सौम्या बताती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए नोट्स बनाना काफी बेहद जरूरी है। नोट्स की सहायता से परीक्षा के समय में काफी कम टाइम में टॉपिक रिवाइज किए जा सकते हैं। इसी के साथ उन्होंने आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस पर भी जोर देने को कहा है जिससे निर्धारित समय में काफी अच्छा उत्तर लिखा जा सके।
सौम्या को बचपन से ही न्यूज पेपर पढ़ने का शौक था जिसका लाभ उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में मिला। सौम्या ने सेल्फ स्टडी के बदौलत यूपीएससी एग्जाम पास की। परंतु उन्होंने काफी टेस्ट सीरीज में शामिल हुई। उन्होंने प्री, मेंस और इंटरव्यू तीनों के लिए मॉक टेस्ट दिए थे। सौम्या कहती हैं कि समस्याएं सभी के जीवन में हैं परंतु कुछ लोग उनके पीछे छिपकर काम चला लेते हैं, तो कुछ सामने से उनका सामना करते हैं। यूपीएससी की बात करें तो यहां कठिन मेहनत और धैर्य दोनों जरूरी है।
इन दोनों को साथ लेकर चलने पर सफलता अवश्य मिलेगी।
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