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बिहार के स्टेट हाईवे 4 और 71 को NH के रूप में किया जाएगा विकसित, राज्य के इन 5 जिलों को होगा लाभ।

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केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही स्टेट हाईवे 4 और 71 को नेशनल हाईवे के रूप में विकसित करने को लेकर मंजूरी दे दी जाएगी। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सांसद कौशलेन्द्र कुमार को पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय में नये राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा की नीति में परिवर्तन किया गया है। यातायात घनत्व, माल ढुलाई, यात्री आवाजाही, क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक दृष्टिकोण, पर्यटन और राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली शर्तों को ध्यान रखा जाता है। इसका सर्वे होने के साथ ही इन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में मान्यता दे दी जाएगी।

ये दोनों स्टेट हाईवे लगभग हर शर्तों को पूरी तरह पालन करते हैं। ऐसे में इनका एनएच के रूप में घोषित होना निश्चित है। सांसद कौशलेन्द्र कुमार के अनुसार गया के खिजरसराय से इस्लामपुर होते हुए हिलसा जाने वाला स्टेट हाईवे-4 की कुल लंबाई 82.16 किमी है। जबकि जहानाबाद से घोसी, इस्लामपुर, राजगीर, गिरियक, कतरीसराय से होते हुए पार्वती तक जाने वाले एसएच–71 की लंबाई 85 किमी है। शोधार्थी विकास आनंद के साथ ही अन्य लोगों द्वारा इन दोनों सड़कों को एनएच में विकसित कराने की मांग की गई थी। उनके पत्रों को आधार बनाते हुए केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा गया था।

दोनों सड़कों का एनएच के रूप में विकास होने से नालंदा के साथ पटना, जहानाबाद, नवादा और गया जिले के 15 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। साथ ही इन क्षेत्रों की व्यापार पूर्व की तुलना में अधिक सरल और सस्ती होगी। ऐसे में वहां के नजदीकी गावों और शहरों के लोगों की आर्थिक आय में वृद्धि होगी। वहीं दूसरी ओर विभिन्न पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भी संख्या में वृद्धि होगी जिससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी और रोगजार के अवसर का सृजन होगा। वहीं नालंदा से एक एशियन हाईवे-42 गुजरता है। इसके अतिरिक्त तीन एक्सप्रेस-वे के साथ ही पांच एनएच गुजरते हैं। दो नये एनएच के निर्माण के पश्चात इनकी संख्या सात हो जाएगी।

आमस-जयनगर पथ आमस के जीटी रोड से शुरू होकर जयनगर तक जाएगा। इस एक्सप्रेसवे फोरलेन का होगा जिसकी कुल लंबाई 271 किमी है। इसके निर्माण कार्य को वर्ष 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह गया से नालंदा, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा के बीच संपर्क स्थापित करने में मददगार होगा। इसके निर्माण कार्य के लिए 7500 करोड़ रूपए का बजट तैयार किया गया है और इसका निर्माण कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।

नेपाल की सीमा पर स्थित रक्सौल–हल्दिया पथ में रक्सौल को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ा जाएगा जिसकी लंबाई 650 किलोमीटर होगी। इसके लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। इसके निर्माण कार्य को 300 दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं पटना–कोलकाता पथ की लंबाई 450 किमी होगी जिसे सिक्स लेन के रूप में निर्माण किया जाएगा। यह पूरा क्षेत्र ग्रीनफील्ड होगा जिसके लिए 17 हजार 900 करोड़ रूपए का बजट तैयार किया गया है। यह गया और दरभंगा एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टीविटी उपलब्ध कराएगा। बिहारशरीफ से चकाई, मधुपुर, जामताड़ा और दुर्गापुर होते हुए कोलकाता जाएगा।

नालंदा और नवादा जिलों से होकर बुलेट ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। वाराणसी से कोलकाता के लिए 760 किलोमीटर लंबी विश्वस्तरीय रेललाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा जहां इन दोनों जिलों के बीच लगभग 200 गांव आएंगे। निर्माण कार्य को वर्ष 2030 के पश्चात ही शुरू होने का अनुमान है।

एशियन हाईवे-42 नालंदा से होकर गुजरता है। यह सड़क चीन के लंझाऊ के पास एएच-5 से झारखंड के बरही में एएच-1 को जोड़ता है। इसमें से कुछ एनएच नालंदा होकर गुजरते हैं जिसमें बख्तियारपुर-रजौली एनएच– 20, फतुहा-बाढ़ एनएच–431, गया-बिहारशरीफ एनएच–82, बिहारशरीफ-जहानाबाद एनएच–33, बलुआ खंधा-राजगीर रोड शामिल है।